Bharat Mandir Rishikesh History in hindi : भरत मन्दिर उत्तराखंड रज्य के ऋषिकेश शहर में गंगा नदी के तट पर स्थित है। जिसको 12वीं शताब्दी में हिन्दू धर्म के जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया था, इस लेख में हम आपको भरत मंदिर की समपर्ण जानकारी देने वाले है।

भरत मंदिर की ऋषिकेश इतिहास (Bharat Mandir Rishikesh History in Hindi)

भगवान विष्णु को समर्पित यह प्राचीन मन्दिर इस क्षेत्र के सबसे पुराने मन्दिरों में से एक है। मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह के अंदर भगवान विष्णु की एक मूर्ति स्थापित है। जो शालिग्राम पत्थर के एक ही टुकड़े से बनी हुई है।

शालिग्राम के यह पत्थर नेपाल के गंडकी नदी में पाये जाते है। जिसको हिन्दुओं द्वारा पवित्र और भगवान विष्णु का प्रतिरूप माना जाता है। इस मंदिर में नौ त्रिभुजों वाले श्री यन्त्र को जगतगुरु शंकराचार्य ने स्वयं स्थापित किया था। सन 1398 में इस मंदिर को मुस्लिमो द्वारा आक्रमण कर इसे नष्ट कर दिया गया था। बाद में मन्दिर के बचे हुए टुकड़ों से ही इसका पुनः निर्माण किया गया। ऐसा कहा जाता है की मंदिर में खुदाई के समय कई प्राचीन मूर्तियाँ, सिक्के और बर्तन निकले थे। इस मन्दिर में बसन्त पंचमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

भरत मंदिर की पौराणिक कथा (Bharat Temple Story in hindi)

हिन्दू धर्म के स्कन्द पुराण, वराह पुराण और श्रीमद्भागवत में भरत मंदिर का उल्लेख किया हुआ है की इस स्थान पर भगवान विष्णु ने अपने परम तेजस्वी भक्त रैभ्य मुनि की तपस्या से प्रसन्न होकर कहा था की में हृषीकेश नाम से सदा यही पर स्थित रहूंगा। इसीलिए इस क्षेत्र का दूसरा नाम हृषीकेश भी कहा जाता है। रैभ्य एक बहुत प्रसिद्ध मुनि और भारद्वाज ऋषि के मित्र थे। पुराणों में ऐसा वर्णन है की भारद्वाज ऋषि ने एक बार भृम में आकर अपने प्रिये मित्र रैभ्य ऋषि को श्राप दे दिया था। और बाद में स्वयं जलकर अपना शरीर त्याग दिया था। फिर रैभ्य ऋषि के पुत्र अर्वावसु ने भारद्वाज ऋषि को पुनः जीवित कर दिया था।

ऋषिकेश के बारे में महत्वपूर्ण बाते (Important facts about Rishikesh)

ऋषिकेश क्यों जाएँ: राफ्टिंग, साहसिक खेल, प्राकृतिक सौंदर्य, मंदिर

आदर्श: सप्ताहांत गंतव्य, मित्र, परिवार

सामान्य ज्ञान: ऋषिकेश भगवान विष्णु का नाम है जिसका अर्थ है ‘संवेदना के भगवान’

लाने के लिए चीजें: बोहो कपड़े, ऊनी वस्त्र, प्रार्थना की घंटियां, हिंदू देवताओं की पीतल की मूर्तियां, खादी और रेशम साड़ी, हस्तशिल्प

यात्रा का सबसे अच्छा समय: पूरे साल, राफ्टिंग के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर के अंत में है – मध्य नवंबर और फरवरी – मई

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1. नीलकंठ महादेव मंदिर – Neelkanth Mahadev Mandir Rishikesh
2. त्रिवेणी घात ऋषिकेश – Triveni Ghaat Rishikesh
3. लक्ष्मण झूला ऋषिकेश – Lakshman Jhula Rishikesh
4. राम झूला ऋषिकेश – Ram Jhula Rishikesh
5. वीरभद्र मंदिर ऋषिकेश – Veerbhadra Mandir Rishikesh
6. झिलमिल गुफा ऋषिकेश – Jhilmil Gufa Rishikesh
7. शिवपुरी ऋषिकेश – Shivpuri Rishikesh

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