Nand Bhawan Nandgaon Mathura in Hindi :- नन्द भवन या नंद महल, मथुरा ज़िले के नंदगांव में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ा हुआ है। यह महल प्रसिद्ध और पौराणिक ग्राम बरसाना के पास ब्रज क्षेत्र में स्थित है। और ऐसी मान्यता है कि यह भवन भगवान श्री कृष्ण के पालन पिता नंद बाबा का निवास स्थान था। जहां श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं को संपन्न किया। किंवदंती के अनुसार यह गांव भगवान श्री कृष्ण के पिता नंदराय द्वारा एक पहाड़ी पर बसाया गया था। जिसे नंदीश्वर नामक सुन्दर पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसी कारण इस स्थान का नाम नंदगांव पड़ा। मथुरा के राजा कंस के अत्याचारों से बचने के लिए गोकुल को छोड़ कर नंदबाबा श्रीकृष्ण और गोप ग्वालों को लेकर नंदगाँव आ गए थे।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हेमंत और पब्लिक गाइड टिप्स में आपका स्वागत है दोस्तों अगर आप भी अपनी फैमिली या फिर अपने दोस्तों के साथ (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) नन्द भवन नंदगाव मथुरा में घूमने की प्लानिंग कर रहे है तो आज का यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए है। क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको नन्द भवन नंदगाव (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) की सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। इसीलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
Table of Contents
Nand Bhawan Nandgaon History in Hindi | नन्द भवन नंदगाव का इतिहास?
दोस्तों नन्द भवन जिसे हम नंद महल के नाम से भी जानते है। यह मथुरा जिले के ब्रज क्षेत्र के बरसाना के पास नंदगाव में स्थित है। नंदगांव का इतिहास भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ा हुआ है। यह महल ब्रज क्षेत्र के उन प्रमुख स्थलों में से एक है, जहां श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल की लीलाएं कीं। इस स्थान का उल्लेख श्रीमद्भागवत और अन्य पुराणों में मिलता है, जो इसकी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित करता है।
1. नंद बाबा का निवास स्थान:
नंद महल वह स्थान है जहां नंद बाबा, यशोदा माता के साथ बलराम और श्रीकृष्ण ने अपना अधिकांश बचपन बिताया। वृंदावन और गोकुल में बाल लीलाओं के बाद, नंद बाबा ने अपने परिवार को गोकुल से नंदगांव स्थानांतरित किया ताकि कंस के अत्याचारों से बचा जा सके। यह स्थान उनके परिवार का मुख्य निवास स्थान बन गया।
2. भगवान श्री श्रीकृष्ण की लीलाएं:
नंद महल और इसके आस-पास के क्षेत्रों में श्रीकृष्ण की कई लीलाएं हुईं। यहां से वे गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने, गोचारण (गाय चराने) और गोप-गोपियों के साथ रासलीला करने जाते थे।
3. मुगल काल और संरक्षण:
इतिहासकारों का मानना है कि मुगल शासन के दौरान, ब्रज क्षेत्र के कई मंदिरों और स्थलों को नुकसान पहुंचा, लेकिन स्थानीय भक्तों और साधुओं के प्रयासों से नंद महल का संरक्षण किया गया।
4. मंदिर का निर्माण और पुनर्निर्माण:
नन्द भवन को 18वीं शताब्दी में भरतपुर के जाट राजा रूपसिंह द्वारा बनवाया गया था। नन्द महल मंदिर भगवान श्री कृष्ण के पालन पिता नंदराय को समर्पित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर थोड़ी सी चढ़ाई करनी पड़ती है। वर्तमान में नन्द भवन या नंद महल के रूप में जो संरचना देखी जाती है, वह कई शताब्दियों में पुनर्निर्मित और विकसित की गई है। प्राचीन काल में यह स्थान एक साधारण महल था, लेकिन भक्तों और राजाओं के सहयोग से इसे भव्य रूप दिया गया।
दोस्तो आज की तारिक में नंद भवन या नन्द महल एक बहुत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां हर साल लाखो श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने के लिए आते हैं। जन्माष्टमी, नंदोत्सव, और होली जैसे त्योहारों के दौरान यह स्थान विशेष रूप से जीवंत हो जाता है। नंद महल न केवल श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा का भी एक अभिन्न हिस्सा है।
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Nand Bhawan Nandgaon Architecture in Hindi | नन्द भवन नंदगाव की वास्तुकला?
दोस्तों नंद महल, नंदगांव की वास्तुकला ब्रज क्षेत्र की पारंपरिक शैली और धार्मिक महत्व को दर्शाती है। यह महल न केवल अपने ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी सुंदर बनावट और कलात्मक संरचना भी इसे विशेष बनाती है।
1. नंद महल की वास्तुकला में ब्रज क्षेत्र की विशिष्टता झलकती है। यह शैली स्थानीय संसाधनों और परंपराओं का उपयोग करके विकसित हुई है, जिसमें साधारण लेकिन प्रभावशाली डिज़ाइन शामिल है।
2. नन्द महल लाल और सफ़ेद पत्थरों बना हुआ है, जो इसे मजबूती प्रदान करते हैं। इसमें ऊंचे खंभे और विस्तृत गलियारे हैं, जो उस समय के राजसी जीवनशैली को दर्शाते हैं। नन्द महल के भीतर एक बड़ा आंगन (प्रांगण) है, जहां परंपरागत रूप से पूजा और सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं।
3. नंद महल की दीवारों और छतों पर भगवान श्रीकृष्ण, यशोदा माता, और नंद बाबा से संबंधित लीलाओं के चित्र और मूर्तियां उकेरी गई हैं। ये भित्तिचित्र ब्रज संस्कृति और कृष्ण भक्तिमय परंपराओं को दर्शाते हैं।
4. नन्द महल के दरवाजे और खिड़कियां लकड़ी से बने हैं और इनमें सुंदर नक्काशी की गई है। इन पर पारंपरिक डिजाइन और पुष्प आकृतियां उकेरी गई हैं। नन्द महल की छत सपाट है, लेकिन किनारों पर गुंबदनुमा संरचनाएं देखी जा सकती हैं। इन गुंबदों पर आकर्षक सजावट की गई है, जो स्थानीय शिल्प कौशल का प्रतीक है।
5. नन्द महल के भीतर भगवान श्रीकृष्ण और उनके परिवार की मूर्तियों को स्थापित किया गया है। गर्भगृह, जहां मुख्य देवता स्थापित हैं, विशेष रूप से सुंदर और धार्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है। नन्द महल के पास पावन सरोवर और अन्य कुंड स्थित हैं, जो वास्तुशिल्प का अभिन्न हिस्सा हैं। इनका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और दैनिक पूजाओं के लिए किया जाता है।
Best time to visit Nand Bhawan Nandgaon Mathura in Hindi | नन्द भवन नंदगाव जाने का सबसे अच्छा समय?
दोस्तों वैसे तो नंदगांव का नंद भवन भक्तो के लिए पुरे वर्ष खुला रहता है। लेकिन फिर भी इस महल में आने का सबसे अच्छा समय आपकी प्राथमिकताओं और मौसम के आधार पर निर्भर करता है।
- होली (फाल्गुन महीना, फरवरी-मार्च): नंदगांव की होली बहुत प्रसिद्ध है। यहां “लट्ठमार होली” का आयोजन होता है, जो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
- जन्माष्टमी (अगस्त-सितंबर): भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर यहां भव्य आयोजन होते हैं, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव मिलता है।
- गोपाष्टमी (अक्टूबर-नवंबर): यह त्योहार भी नंदगांव में खास महत्व रखता है।
- सर्दियों (नवंबर-फरवरी): सर्दी का मौसम यात्रा के लिए सबसे सुखद होता है। तापमान मध्यम रहता है, जिससे घूमने में आसानी होती है।
- मानसून (जुलाई-सितंबर): इस समय वातावरण हरा-भरा और सुहावना होता है, लेकिन बारिश यात्रा को थोड़ा बाधित कर सकती है।
- गर्मी (मार्च-जून): गर्मियों में यहां का तापमान काफी बढ़ जाता है, इसलिए यह समय यात्रा के लिए उपयुक्त नहीं
- सुबह के समय नंद भवन जाना अच्छा रहता है क्योंकि भीड़ कम होती है और वातावरण शांत रहता है।
Nand Bhawan Nandgaon Mathura Opening Time in Hindi | नन्द भवन खुलने का समय?
दोस्तों नंद भवन नंदगांव मथुरा (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो पूरे वर्ष दर्शनार्थियों के लिए खुला रहता है। इसका समय आमतौर पर मंदिरों के मानक समय के अनुसार होता है। त्योहारों के समय मंदिर के खुलने और बंद होने का समय बढ़ाया जा सकता है, खासकर जन्माष्टमी, होली, और अन्य बड़े आयोजनों के दौरान। दर्शन के लिए सुबह का समय आदर्श है, क्योंकि इस समय भीड़ कम होती है और पूजा-अर्चना में शांति मिलती है।
- सुबह: 6:00 बजे से 12:00 बजे तक
- शाम: 4:00 बजे से 8:00 बजे तक
Nand Bhawan Nandgaon Mathura Religious Festival in Hindi | नन्द भवन नंदगाव का धार्मिक उत्सव?
नंद भवन नंदगांव (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) में पूरे वर्ष कई धार्मिक उत्सव और पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करते हैं।
1. होली (फाल्गुन महीना, फरवरी-मार्च)
लट्ठमार होली: नंदगांव और बरसाना की होली विश्व प्रसिद्ध है। इसमें बरसाना की महिलाएं नंदगांव के पुरुषों पर लाठी चलाती हैं, और पुरुष ढाल से उनकी मार को रोकते हैं। गुलाल और रंगों के साथ पूरा नंदगांव कृष्ण भक्ति में डूबा रहता है। यह उत्सव 5-7 दिनों तक चलता है और हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
2. जन्माष्टमी (अगस्त-सितंबर)
यह भगवान कृष्ण के जन्म का पर्व है। नंद भवन में विशेष झांकियां सजाई जाती हैं और रात 12 बजे कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया जाता है। पूरे दिन भजन, कीर्तन, और पूजा-अर्चना का आयोजन होता है।
3. गोपाष्टमी (अक्टूबर-नवंबर)
गोपाष्टमी गायों की पूजा का पर्व है, जो नंदगांव में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन नंदगांव के मंदिरों और गौशालाओं में विशेष पूजा होती है और श्रद्धालु गायों को चारा खिलाते हैं।
4. बलराम जयंती (श्रावण पूर्णिमा, जुलाई-अगस्त)
यह भगवान बलराम के जन्मदिन का उत्सव है, जो नंदगांव में खास महत्व रखता है। इस दिन विशेष पूजा और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
5. अन्नकूट महोत्सव (दीपावली के अगले दिन)
इस पर्व पर भगवान को अन्नकूट (56 भोग) का भोग अर्पित किया जाता है। नंद भवन को फूलों और दीपों से सजाया जाता है, और प्रसाद वितरण किया जाता है।
How to reach Nand Bhawan Nandgaon in Hindi | नन्द भवन नंदगाव कैसे पहुंचे?
दोस्तों नन्द भवन या नंद महल, नंदगांव पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको मथुरा आना होगा। जहा भारत के प्रमुख शहरों से विभिन्न परिवहन विकल्प उपलब्ध हैं। नंदगाव ब्रज क्षेत्र के बरसाना गांव के पास मथुरा जिले में स्थित है। और यह गांव भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है। दोस्तों यहां पर पहुंचने का मार्ग काफी सरल और सुविधाजनक है। हमने आपको नंदगाव पहुंचने के लिए सभी विकल्पों के बारे में बताया है। ताकि आपकी ब्रज यात्रा में आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो।
1. How to reach Nand Bhawan Nandgaon by Air in Hindi | वायु मार्ग से नन्द महल नंदगाव कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप हवाई मार्ग के द्वारा नन्द महल नंदगाव मथुरा (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) आना चाहते है तो हम आपको बतादे की नंदगाव मथुरा, वृन्दावन और बरसाने का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा आगरा में है। जो मथुरा से लगभग 60 km दूरी पर है। वहा से आप कैब, बस या शेयर टैक्सी करके सीधा बरसाना तक पहुंच सकते है।
- आगरा हवाई अड्डा (लगभग 80 किमी दूर) अगर आप देश के किसी अन्य हिस्से से आ रहे हैं, तो आगरा का हवाई अड्डा नजदीकी विकल्प है।
- इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली (लगभग 150 किमी दूर) भी एक अच्छा विकल्प है। हवाई अड्डे से बरसाना तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी या कैब बुक कर सकते हैं।
- आप टैक्सी या बस किराए पर लेकर नंदगांव पहुंच सकते हैं। दिल्ली से मथुरा तक ट्रेन या बस लेकर आगे नंदगांव के लिए यात्रा कर सकते हैं।
2. How to reach Nand Bhawan Nandgaon by Train in Hindi | रेल मार्ग से नन्द महल नंदगाव कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप रेल मार्ग के द्वारा नन्द भवन नंदगाव मथुरा (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) आना चाहते है तो हम आपको बतादे की सबसे पहले आपको मथुरा के रेलवे स्टेशन आना होगा। मथुरा देश के प्रमुख रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है। आप देश के किसी भी शहर से मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंच सकते है।
- नजदीकी रेलवे स्टेशन: मथुरा जंक्शन (Mathura Junction – MTJ)
- मथुरा जंक्शन पर देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, आगरा, मुंबई, जयपुर, और वाराणसी से ट्रेनें उपलब्ध हैं।
- मथुरा से नंदगाव लगभग 55 किमी दूर है। मथुरा से बरसाना पहुँचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो, या बस ले सकते हैं।
3. How to reach Nand Bhawan Nandgaon by Road in Hindi | सड़क मार्ग से नन्द महल नंदगाव कैसे पहुंचे?
देखिये दोस्तों अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा नन्द भवन नंदगाव मथुरा (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) आना चाहते है तो हम आपको बतादे की मथुरा देश के प्रमुख सड़क मार्गो से जुड़ा हुआ है। आप देश के किसी भी शहर से मथुरा और मथुरा से बरसाना तक पहुंच सकते है।
- दिल्ली से दूरी: लगभग 150 किमी (यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से लगभग 3 घंटे में पहुंच सकते हैं)।
- आगरा से दूरी: लगभग 100 किमी (राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर)।
- मथुरा से दूरी: लगभग 55 किमी बस सेवाएं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC) और प्राइवेट ऑपरेटर्स द्वारा उपलब्ध हैं।
- मथुरा और वृन्दावन से नंदगाव तक आप ऑटो या टैक्सी बुक करके भी आ सकते है।
4. How to reach Nand Mahal Nangaon by Private Vehicle in Hindi | निजी वाहन से नन्द भवन नंदगाव कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप अपने निजी वाहन से यात्रा कर रहे हैं, तो नंदगाव या बरसाना तक पहुँचने के लिए ये मार्ग आपके लिए सबसे उपयुक्त हैं। सभी सड़कें काफी अच्छी स्थिति में हैं, और गूगल मैप्स का उपयोग करके आप नंदगाव के नन्द भवन या नन्द महल मंदिर तक पहुंच सकते है।
- दिल्ली से मार्ग:
दिल्ली → फरीदाबाद → पलवल → कोसीकलां → गोवर्धन → नंदगाव - आगरा से मार्ग:
आगरा → मथुरा → कोसीकलां → गोवर्धन → बरसाना → नंदगाव
5. How to reach Nand Bhawan from Nangaon in Hindi | नंदगाव से नन्द भवन मंदिर तक कैसे पहुंचे?
दोस्तों नंदगांव से नंद भवन मंदिर तक पहुंचना काफी सरल और सुविधाजनक है। क्योंकि यह महल नंदगांव के केंद्र में स्थित है। नंदगांव एक छोटी सी नंदीश्वर पहाड़ी पर बसा हुआ है। और नंद भवन मंदिर इसी पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है।
- नंदगांव के मुख्य बाजार या बस स्टैंड से आप ऑटो रिक्शा या ई-रिक्शा ले सकते हैं, जो आपको नन्द महल मंदिर के आधार तक ले जाते हैं। ऑटो से यात्रा का समय 10-15 मिनट है।
- नंद भवन मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर एक पैदल मार्ग बना हुआ है। मार्ग में लगभग 150 सीढ़ियां हैं। जो नन्द महल मंदिर तक सीधी पहुंच प्रदान करती हैं। सीढ़ियां चढ़ने में लगभग 15-20 मिनट लगते हैं। पैदल मार्ग के दौरान श्रद्धालु भगवान कृष्ण और ब्रज संस्कृति से जुड़े भजन और धार्मिक वातावरण का आनंद ले सकते हैं।
- अगर आप पैदल चलने में असमर्थ है तो आप अपने 2 पहिया या 4 पहिया वाहन से नन्द भवन के नजदीक तक जा सकते है। वही नंदगाव के निवासी आपको अपने 2 पहिया वाहन से मंदिर तक ले जाते है जिसका आने जाने का किराया प्रति व्यक्ति 50 रूपये से 100 तक लेते है।
Nand Bhawan Nandgaon Mathura Hotels in Hindi | नन्द भवन नंदगाव में ठहरने के लिए होटल्स?
दोस्तों नंदगांव, मथुरा में स्थित नंद भवन के पास ठहरने के लिए कई होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। आपकी सुविधा के लिए हमने यहां कुछ विकल्प प्रस्तुत किये हैं।
- विंग्सटन ए ट्रीहाउस होटल, बरसाना :- यह होटल नंदगांव के निकट स्थित है और आधुनिक सुविधाओं के साथ आरामदायक कमरे प्रदान करता है।
- विंग्सटन ए ट्रीहाउस होटल, मथुरा :- मथुरा में स्थित यह होटल नंदगांव से थोड़ी दूरी पर है और उच्च गुणवत्ता की सेवाएं उपलब्ध कराता है।
- होटल प्रगति पैलेस :- यह होटल मथुरा में स्थित है और बजट में ठहरने के लिए उपयुक्त है, साथ ही आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता है।
- होटल गोकुलम ग्रैंड :- यह होटल मथुरा में स्थित है और परिवारों के लिए उपयुक्त सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करता है।
- श्री जी निवास गेस्ट हाउस :- नंदगांव में स्थित यह गेस्ट हाउस स्थानीय वातावरण का अनुभव करने के लिए उपयुक्त है।
Nand Bhawan Nandgaon Mathura Foods in Hindi | नन्द भवन नंदगाव में खाने के लिए फूड्स?
नंदगांव में आपको खाने पिने के लिए काफी दुकाने देखने को मिलेगी। यहां का भोजन पारंपरिक, सादा, और शुद्ध शाकाहारी होता है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से जुड़ने का अवसर देता है।
- माखन-मिश्री: भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय माने जाने वाले माखन और मिश्री का प्रसाद यहां अत्यधिक प्रसिद्ध है।
- लड्डू: मंदिर में भोग के रूप में लड्डू का प्रसाद मिलता है, जिसे श्रद्धालु बड़े आदर और श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।
- कढ़ी-चावल: ब्रज क्षेत्र का यह लोकप्रिय भोजन यहां के ढाबों और स्थानीय रसोई में मिलता है।
- पूड़ी-आलू: तीर्थयात्रियों के बीच सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला व्यंजन है।
- मूंग दाल हलवा: मिठाई के रूप में यहां यह हलवा प्रसिद्ध है, खासकर सर्दियों में।
- दही-बड़ा: स्थानीय दही-बड़ा ताजगी और स्वाद का विशेष अनुभव प्रदान करता है।
- मट्ठा और छाछ: ठंडे मट्ठा और छाछ को पीना धार्मिक अनुभव के साथ-साथ ताजगी प्रदान करता है।
- गुड़ और पराठा: यह व्यंजन सुबह के नाश्ते के लिए आदर्श है।
- होली पर गुझिया और पापड़ी: होली के दौरान नंदगांव में ये पारंपरिक मिठाइयां बनाई जाती हैं।
- जन्माष्टमी पर पंजीरी और माखन: भगवान कृष्ण के प्रिय भोजन के रूप में इसे मंदिरों और स्थानीय घरों में तैयार किया जाता है।
- विशेष अवसरों और त्योहारों पर मंदिर और धर्मशालाओं में भंडारा होता है, जहां पूड़ी, सब्जी, हलवा, और खिचड़ी जैसे भोजन मुफ्त में परोसे जाते हैं।
नंदगांव के आसपास छोटे-छोटे ढाबों पर सादा और स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन मिलता है। यहां खाना बनाने में शुद्ध देसी घी और मसालों का उपयोग होता है।
Conclusion | निष्कर्ष
दोस्तों नन्द महल या नंद भवन नंदगांव मथुरा (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। जहां भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की झलक मिलती है। यह स्थल भक्तों को उनकी भक्ति को गहराई से महसूस करने और श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जानने का अवसर प्रदान करता है। यह स्थान ब्रज की पवित्र भूमि का ऐसा रत्न है, जो हर श्रद्धालु के दिल में भक्ति और श्रद्धा का संचार करता है। दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको (Nand Bhawan Nandgaon Mathura) नन्द महल या नंद भवन नंदगांव मथुरा के बारे में पढ़कर आपको आनंद आया होगा।
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