Vaishno Devi Darshan Guide:- माता वैष्णो देवी मंदिर, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के कटरा नगर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है। यह मंदिर माता वैष्णो देवी को समर्पित है, जिन्हें माता रानी और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है। वैष्णो देवी मंदिर समुद्र तल से लगभग 5,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ पहुँचने के लिए तीर्थयात्री लगभग 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं।

Vaishno Devi Darshan Guide in Hindi
Vaishno Devi Darshan Guide

दोस्तों अगर आप पहली बार माता वैष्णो देवी की यात्रा पर जा रहे हैं तो आप यात्रा से जुड़ी वो तमाम जानकारियां हासिल करके ही जाएं, जिससे की आपकी यात्रा में कोई परेशानी न आये। आज के इस आर्टिकल में हम आपको माता वैष्णों देवी की यात्रा से जुड़ी वो सभी जरूरी जानकारियां दे रहे हैं। जो आपके लिए जानना बहुत जरुरी है। चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है। इस नारे को भक्त सदियों से दोहराते आ रहे हैं। तो चलिए हमारे साथ आप भी माता वैष्णो देवी की यात्रा सम्पूर्ण जानकारी के साथ करिये।

How to visit Mata Vaishno Devi for the first time पहली बार माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करे

दोस्तों पहली बार माता वैष्णो देवी की यात्रा करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपकी यात्रा सुगम और सुरक्षित रहे। हमने आपको यहाँ पर एक विस्तृत गाइड दी है। जो आपकी पहली यात्रा को सफल और यादगार बनाने में मदद करेगी।

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यात्रा की तैयारी

  1. यात्रा का समय चुनें:
    • मौसम: मार्च से जून और अक्टूबर से नवंबर का समय यात्रा के लिए आदर्श माना जाता है। इस समय मौसम सुहावना होता है।
    • भीड़: नवरात्रि और अन्य प्रमुख त्योहारों के दौरान भीड़ अधिक होती है। यदि आप कम भीड़ में यात्रा करना चाहते हैं तो इन समयों से बचें।
  2. यात्रा की योजना:
    • आरक्षण: यात्रा से पहले ट्रेन, फ्लाइट, या बस की टिकट बुक कर लें। कटरा रेलवे स्टेशन और जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से कटरा के लिए बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।
    • प्रवेश परमिट: कटरा में यात्रा के लिए यात्रा पर्ची (यात्रा पर्ची काउंटर पर मुफ्त में उपलब्ध) लेना अनिवार्य है।
  3. सामान की पैकिंग:
    • आरामदायक कपड़े और जूते: यात्रा के लिए आरामदायक कपड़े और अच्छे ग्रिप वाले जूते पहनें।
    • चिकित्सा किट: प्राथमिक चिकित्सा किट, आवश्यक दवाइयाँ, और अन्य स्वास्थ्य संबंधित सामान साथ रखें।
    • छोटी बैग: एक हल्का बैग ले जाएँ जिसमें पानी की बोतल, स्नैक्स, और अन्य आवश्यक सामान हो।

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यात्रा मार्ग

  1. कटरा से भवन तक की यात्रा:
    • पैदल यात्रा: कटरा से माता के भवन (मंदिर) तक की दूरी लगभग 14 किलोमीटर की है। इस पैदल यात्रा में आपको 7 से 8 घंटे तक का समय लग सकता हैं।
    • घोड़े, पालकी और पिट्ठू: यदि आप पैदल नहीं चल सकते, तो घोड़े, पालकी, या पिट्ठू की सेवाएँ ले सकते हैं।

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    • बैटरी कार: अगर आप अर्धकुंवारी तक पैदल या फिर घोड़े, पालकी और पिट्ठू से यात्रा करते है। तो आप अर्द्धकुंवारी से माता के भवन तक बैटरी कार में भी जा सकते है। जिसका जाने का किराया 354 रूपये प्रत्येक व्यक्ति और भवन से अर्धकुंवारी तक का किराया 236 रूपये प्रत्येक व्यक्ति है। यदि आप अर्द्धकुवारी से आगे पैदल नहीं चल सकते, तो आप बैटरी कार की सेवाएँ ले सकते हैं।
    • हेलिकॉप्टर सेवा: कटरा से सांझीछत तक हेलिकॉप्टर की सेवा भी उपलब्ध है, जिससे आपको यात्रा करने में काफी कम समय लगेगा। कटरा से सांझीछत तक हेलिकॉप्टर का किराया 2100 रूपये प्रत्येक व्यक्ति है।
  2. यात्रा मार्ग पर सुविधाएँ:
    • भोजन और विश्राम स्थल: यात्रा मार्ग पर कई भोजनालय, विश्राम स्थल, और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
    • पानी और स्वच्छता: मार्ग पर स्वच्छ पानी और शौचालय की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

भवन में दर्शन

  1. दर्शन की प्रक्रिया:
    • भवन पहुँचकर यात्रा पर्ची दिखाएँ और दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करें।
    • माता वैष्णो देवी की गुफा में दर्शन करने के लिए पंक्तिबद्ध होकर प्रवेश करें। दर्शन के दौरान शांत रहें और माता के तीन पिंडियों का दर्शन करें।

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  2. भैरव घाटी:
    • माता वैष्णो देवी के दर्शन के बाद, भैरव नाथ मंदिर के दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है। क्योंकि आपका प्रसाद तभी पूर्ण माना जाता है। भैरव घाटी भवन से लगभग 3 किलोमीटर ऊपर स्थित है।

सुरक्षा और सावधानियाँ

  1. स्वास्थ्य का ध्यान रखें:
    • यात्रा के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। यदि किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है तो मार्ग पर उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं का उपयोग करें।
    • अत्यधिक थकान महसूस होने पर विश्राम करें।
  2. पर्यावरण का सम्मान करें:
    • यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई का ध्यान रखें और कचरा उचित स्थान पर ही डालें।
    • प्राकृतिक वातावरण को संरक्षित रखें और दूसरों के लिए भी सुविधा बनाए रखें।

आध्यात्मिक तैयारी

  1. धार्मिक आस्था:
    • माता वैष्णो देवी की यात्रा धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है। यात्रा के दौरान मन में श्रद्धा और भक्ति बनाए रखें।
    • भजन, मंत्र, और प्रार्थना के साथ अपने मन को शांत रखें।
  2. आत्म-अनुशासन:
    • यात्रा के दौरान आत्म-अनुशासन का पालन करें। अनुशासन और संयम के साथ यात्रा करें और दूसरों के साथ सहयोग बनाए रखें।

इस प्रकार, पहली बार माता वैष्णो देवी की यात्रा करते समय इन सुझावों का पालन करके आप अपनी यात्रा को सुखद, सुरक्षित, और आध्यात्मिक अनुभव में बदल सकते हैं। माता का आशीर्वाद प्राप्त करें और उनकी कृपा से अपनी यात्रा सफल बनाएं।

Best time to visit Mata Vaishno Devi Temple माता वैष्णो देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय

माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा का सबसे अच्छा समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे मौसम, भीड़, और व्यक्तिगत प्राथमिकताएँ। यहाँ कुछ समयावधियाँ दी गई हैं, जो विभिन्न कारकों के आधार पर

माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा का सबसे अच्छा समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे मौसम, भीड़, और व्यक्तिगत प्राथमिकताएँ। यहाँ कुछ समयावधियाँ दी गई हैं, जो विभिन्न कारकों के आधार पर यात्रा के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।

मार्च से जून (वसंत और गर्मी का मौसम)

  • मौसम: यह समय यात्रा के लिए बहुत अच्छा होता है क्योंकि मौसम सुहावना होता है। तापमान न तो बहुत ठंडा होता है और न ही बहुत गर्म।
  • पर्यटक गतिविधियाँ: इस समय कई लोग छुट्टियों पर होते हैं, इसलिए मंदिर में भीड़ हो सकती है। लेकिन मौसम की वजह से यात्रा आरामदायक रहती है।

जुलाई से सितंबर (मानसून का मौसम)

  • मौसम: इस दौरान बारिश होती है, जिससे मार्ग थोड़े फिसलन भरे हो सकते हैं। लेकिन यदि आपको बारिश पसंद है और आप कम भीड़ में यात्रा करना चाहते हैं तो यह समय अच्छा हो सकता है।
  • सावधानियाँ: यात्रा के दौरान बारिश की वजह से रास्ते में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतें।

अक्टूबर से नवंबर (शरद ऋतु)

  • मौसम: यह समय भी यात्रा के लिए उपयुक्त होता है। मौसम ठंडा और सुहावना होता है।
  • भीड़: नवरात्रि के दौरान यहाँ बहुत भीड़ होती है। यदि आप इस समय यात्रा करते हैं, तो आपको एक अद्भुत धार्मिक अनुभव मिलेगा, लेकिन भीड़भाड़ की तैयारी भी करनी होगी।

दिसंबर से फरवरी (सर्दी का मौसम)

  • मौसम: इस समय यहाँ काफी ठंड होती है, और ऊँचाई पर बर्फबारी भी हो सकती है। यदि आपको ठंड से कोई समस्या नहीं है, तो यह समय भी यात्रा के लिए अच्छा हो सकता है।
  • भीड़: इस दौरान तीर्थयात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे आपको दर्शन करने में आसानी होती है।

विशेष धार्मिक अवसर

  • नवरात्रि: नवरात्रि के दौरान माता वैष्णो देवी की यात्रा का विशेष महत्त्व होता है। इस समय यहाँ भक्तों की भारी भीड़ होती है और विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं।
  • अन्य त्योहार: अन्य हिन्दू त्योहारों के समय भी यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जिससे यात्रा का धार्मिक महत्त्व बढ़ जाता है।

सारांश

  • मार्च से जून: सुहावना मौसम, लेकिन थोड़ी भीड़।
  • जुलाई से सितंबर: मानसून के दौरान कम भीड़, लेकिन फिसलन भरे रास्ते।
  • अक्टूबर से नवंबर: शरद ऋतु का सुहावना मौसम, लेकिन नवरात्रि के दौरान भीड़।
  • दिसंबर से फरवरी: ठंड का मौसम, कम भीड़, लेकिन ठंड से सावधान रहें।

आप अपनी सुविधानुसार और पसंद के मौसम के अनुसार यात्रा का समय चुन सकते हैं। सभी समयावधियों में माता वैष्णो देवी की यात्रा एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।

How to sit in the Aarti of Mata Vaishno Devi Temple माता वैष्णो देवी मंदिर की आरती में कैसे बैठे

माता वैष्णो देवी मंदिर की आरती एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है और इसमें सम्मिलित होना एक विशेष अनुभव होता है। आरती के दौरान आपको कुछ विशेष नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए ताकि आप धार्मिक वातावरण का सम्मान करते हुए इसमें पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग ले सकें। यहाँ आरती के दौरान बैठने और भाग लेने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं।

आरती के दौरान बैठने के नियम और प्रक्रिया

  1. समय पर पहुँचें:
    • आरती में भाग लेने के लिए समय से पहले मंदिर पहुँचें। आरती के समय मंदिर में काफी भीड़ हो सकती है, इसलिए समय पर पहुँचकर उचित स्थान पर बैठने की व्यवस्था करें।
  2. साफ-सुथरे कपड़े पहनें:
    • मंदिर में आरती के दौरान साफ और पारंपरिक कपड़े पहनें। इससे धार्मिक माहौल में आपका आदर और भक्ति प्रदर्शित होता है।
  3. पंक्ति में बैठें:
    • आरती के दौरान अनुशासन बनाए रखने के लिए पंक्ति में बैठें। मंदिर के कर्मचारी या स्वयंसेवक आपको उचित स्थान दिखाएँगे। आमतौर पर भक्त मंदिर के हॉल में पंक्तिबद्ध बैठते हैं।
  4. सामान व्यवस्थित रखें:
    • यदि आपके पास कोई बैग या अन्य सामान है, तो उसे व्यवस्थित रूप से रखें ताकि दूसरों को असुविधा न हो।
  5. शांत और ध्यानपूर्ण रहें:
    • आरती के दौरान शांत रहें और ध्यान लगाएँ। आरती के मंत्रों और गीतों का अनुसरण करें और अपने मन में माता का स्मरण करें।
  6. मोबाइल फोन बंद रखें:
    • आरती के दौरान मोबाइल फोन को बंद या साइलेंट मोड में रखें ताकि धार्मिक अनुष्ठान में कोई व्यवधान न आए।
  7. सहयोग करें:
    • यदि आपको आरती के दौरान खड़े होने या बैठने के निर्देश दिए जाएँ, तो उनका पालन करें। मंदिर के नियमों और निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
  8. प्रसाद और आशीर्वाद ग्रहण करें:
    • आरती के बाद प्रसाद और आशीर्वाद ग्रहण करने के लिए पंक्ति में खड़े रहें। व्यवस्थित रूप से अपनी बारी का इंतजार करें।

आरती में भाग लेने की प्रक्रिया:

  1. धूप और दीप जलाएँ:
    • आरती में भाग लेते समय धूप और दीप जलाने की प्रथा है। आप मंदिर के प्रबंधकों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  2. भजन और मंत्रों का उच्चारण करें:
    • आरती के दौरान भजन और मंत्रों का उच्चारण करें। यदि आपको भजन या मंत्र याद नहीं हैं, तो आप अन्य भक्तों के साथ मिलकर उनका अनुसरण कर सकते हैं।
  3. हाथ जोड़कर बैठें:
    • आरती के दौरान हाथ जोड़कर बैठें और श्रद्धा पूर्वक माता की आराधना करें।
  4. आरती की थाली:
    • जब आरती की थाली आपके पास आए, तो अपने दोनों हाथ जोड़कर आरती लें और अपने सिर के ऊपर से थाली को घुमाएँ। यह आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

माता वैष्णो देवी की आरती एक पवित्र और आध्यात्मिक अनुभव है। इन नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करके आप इस दिव्य अनुष्ठान में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग ले सकते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको Vaishno Devi Darshan Guide  की पूरी जानकारी के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा।

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पहली बार माता वैष्णो देवी दर्शन Vaishno Devi Darshan Guide की और अधिक जानकारी के लिए आप हमारी इस वीडियो भी देख सकते है। जिसमे हमने पूरी जानकारी दी हुई है।

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