Ram Mandir Ayodhya History in Hindi:- राम मंदिर, जिसे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर भी कहा जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या में स्थित यह मंदिर भगवान श्रीराम के जन्मस्थान अयोध्या में निर्मित हुआ है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक और भगवान विष्णु नारायण के अवतार हैं। श्रीराम मंदिर Ram Mandir Ayodhya की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट कर रही है।Ram Mandir Ayodhya History in Hindi

इस मंदिर का भूमि पूजन संस्कार 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। उसके बाद 22 जनवरी, 2024 को ‘प्रण प्रतिष्ठा’ समारोह आयोजित किया गया। उसके बाद राम मंदिर के द्वार लोगों के लिए खोल दिए गए थे। राम मंदिर के परिसर के अंदर भगवान श्रीराम के साथ-साथ और अन्य भगवान जैसे गणेश, शिव, विष्णु, ब्रह्म, दुर्गा और सूर्य देवता की प्रतिमा भी स्तापित की है।

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Ayodhya Ram Mandir History in Hindi अयोध्या के राम मंदिर का पूरा इतिहास

राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना और जटिल है, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक पहलू शामिल हैं। यहाँ इस इतिहास का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

राम मंदिर का प्राचीन इतिहास:

  1. त्रेतायुग में राम जन्मभूमि: हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। यह स्थान राम जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है। रामायण और अन्य प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।
  2. मंदिर का निर्माण और विध्वंस: माना जाता है कि अयोध्या में प्राचीन काल में भगवान राम का भव्य मंदिर था। 16वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट बाबर के शासनकाल में, इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया और उसके स्थान पर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया।

राम मंदिर का मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास:

  1. बाबरी मस्जिद: बाबरी मस्जिद का निर्माण 1528-29 के आसपास हुआ था। इसके निर्माण के साथ ही विवाद शुरू हो गया था, क्योंकि हिंदू समुदाय का दावा था कि यह मस्जिद उनके पवित्र स्थल पर बनाई गई है।
  2. विवाद और संघर्ष: 19वीं शताब्दी से ही इस स्थल को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद चलता रहा। 1949 में, विवादित स्थल पर भगवान राम की मूर्तियाँ प्रकट हुईं, जिसके बाद इसे लेकर कानूनी और राजनीतिक संघर्ष तेज हो गए।

स्वतंत्रता के बाद:

  1. कानूनी मामले: 1950 से 1990 के दशक तक, कई कानूनी मामले अदालतों में चलते रहे। 1980 और 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन ने जोर पकड़ा, जिसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रमुख भूमिका में रहे।
  2. 1992 की घटना: 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को कारसेवकों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया, जिससे देशभर में दंगे भड़क उठे और हजारों लोग मारे गए। यह घटना भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा असर डालने वाली थी।

21वीं सदी:

  1. कानूनी प्रक्रिया: इस विवाद को लेकर कई कानूनी लड़ाइयाँ लड़ी गईं। 2010 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को तीन भागों में विभाजित करने का निर्णय दिया, जिसे किसी भी पक्ष ने स्वीकार नहीं किया।
  2. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला: 9 नवंबर 2019 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय में विवादित भूमि को राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदू पक्ष को सौंपने का आदेश दिया। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ भूमि मस्जिद के निर्माण के लिए दी गई।

वर्तमान:

  1. निर्माण कार्य: 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन और शिलान्यास कर राम मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत की। मंदिर का निर्माण कार्य इतनी तेजी से चला की 22 जनवरी, 2024 को ‘प्रण प्रतिष्ठा’ समारोह आयोजित किया गया। उसके बाद राम मंदिर के द्वार लोगों के लिए खोल दिए गए।, और इसे भव्य और आधुनिक तकनीकों के साथ पारंपरिक वास्तुकला का सम्मिश्रण कर तैयार किया गया।
  2. सांस्कृतिक महत्व: राम मंदिर का निर्माण भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह मंदिर हिंदू समुदाय के लिए आस्था और पहचान का प्रतीक है और भारतीय सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

Construction and Structure of Ram Mandir in Hindi राम मंदिर का निर्माण और सरंचना

राम मंदिर का निर्माण और संरचना भारतीय वास्तुकला और धार्मिक धरोहर का उत्कृष्ट उदाहरण है। यहाँ पर राम मंदिर के निर्माण और उसकी संरचना के प्रमुख पहलुओं का विस्तृत विवरण दिया गया है।

भूमि पूजन और शिलान्यास:

  • भूमि पूजन और शिलान्यास: 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन और शिलान्यास कर Ram Mandir Ayodhya राम मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत की। इस अवसर पर देशभर के प्रमुख धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया।

राम मंदिर के निर्माण की योजना और डिज़ाइन:

  • डिज़ाइन: राम मंदिर Ram Mandir Ayodhya का डिज़ाइन पारंपरिक नागर शैली में है। इसे वास्तु शास्त्र के अनुसार तैयार किया गया है। मंदिर का प्रमुख आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा हैं, जिन्होंने इसके डिजाइन की योजना बनाई है।
  • मंदिर का स्वरूप: मंदिर का निर्माण तीन मंजिला बना, जिसमें 360 खंभे लगे हुए है। मंदिर की ऊंचाई 161 फीट और इसका क्षेत्रफल 2.7 एकड़ में फैला हुआ है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ स्थापित की गयी है।

निर्माण सामग्री:

  • पत्थर: Ram Mandir Ayodhya मंदिर के निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए विशेष गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। ये पत्थर अपने दृढ़ता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • लकड़ी और अन्य सामग्री: मंदिर के निर्माण में उच्च गुणवत्ता की लकड़ी और अन्य पारंपरिक निर्माण सामग्री का भी उपयोग हो रहा है।

निर्माण प्रक्रिया:

  • मूल संरचना: मंदिर की मूल संरचना का निर्माण ठोस पत्थरों और उन्नत तकनीक का उपयोग कर किया जा रहा है, ताकि यह भूकंपरोधी और टिकाऊ हो।
  • खंभे और मूर्तियाँ: मंदिर के खंभे और मूर्तियाँ उत्कृष्ट नक्काशी से सजी होंगी, जो भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि को दर्शाएंगी।
  • फाउंडेशन: फाउंडेशन को बहुत ही मजबूत और स्थायी बनाने के लिए नवीनतम इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग किया गया है।

आर्थिक और तकनीकी सहयोग:

  • निधि संग्रहण: राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर से निधि एकत्र की गई है। विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने भी सहयोग किया है।
  • तकनीकी सहयोग: निर्माण कार्य में लार्सन एंड टूब्रो जैसी प्रमुख निर्माण कंपनियों का सहयोग लिया गया है, जो इस कार्य को उन्नत तकनीक और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कर रही हैं।

राम मंदिर Ram Mandir Ayodhya का निर्माण एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक परियोजना है, जो न केवल अयोध्या बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। इस मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति और धर्म की समृद्धि और महानता का प्रतीक होगा।

राम मंदिर की संरचना

  1. डिजाइन और शैली:
    • राम मंदिर का डिज़ाइन पारंपरिक नागर शैली में है। इसे वास्तु शास्त्र के अनुसार तैयार किया गया है।
  2. मुख्य संरचना:
    • मंदिर तीन मंजिला होगा, जिसमें 360 खंभे होंगे। मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी और इसका क्षेत्रफल 2.7 एकड़ में फैला होगा।
  3. गर्भगृह:
    • गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी। गर्भगृह का डिजाइन वास्तु शास्त्र के अनुसार किया गया है, ताकि वहाँ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
  4. मंडप:
    • मंदिर के मंडप को भी भव्य तरीके से डिजाइन किया गया है, जहां श्रद्धालु पूजा और ध्यान कर सकेंगे।
  5. शिखर:
    • मंदिर के शिखर को विशेष रूप से सजाया जाएगा, जो इसे दूर से भी भव्य और आकर्षक बनाएगा।

राम मंदिर की सजावट और नक्काशी

  1. खंभों की नक्काशी:
    • मंदिर के खंभों पर भारतीय पौराणिक कथाओं और देवी-देवताओं की आकृतियों की नक्काशी की जाएगी।
  2. शिलालेख:
    • मंदिर की दीवारों पर शिलालेख होंगे, जिनमें रामायण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के श्लोक अंकित होंगे।
  3. मूर्ति और आकृतियाँ:
    • मंदिर के विभिन्न हिस्सों में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और आकृतियाँ होंगी, जो भारतीय कला की उत्कृष्टता को दर्शाएंगी।

परिसर और परिवेश

  1. प्रवेश द्वार:
    • मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार को भव्य और आकर्षक बनाया जाएगा, जहाँ परंपरागत तोरणद्वार और अन्य सजावटी तत्व होंगे।
  2. बगीचे और जलाशय:
    • मंदिर परिसर में सुंदर बगीचे और जलाशय भी होंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए शांति और आराम का स्थान प्रदान करेंगे।

आधुनिक सुविधाएँ

  1. ध्वजस्तंभ:
    • मंदिर के सामने एक ऊंचा ध्वजस्तंभ (ध्वज) स्थापित किया जाएगा, जिस पर भगवा ध्वज लहराएगा।
  2. प्रकाश व्यवस्था:
    • मंदिर की प्रकाश व्यवस्था को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि रात में भी मंदिर की भव्यता स्पष्ट दिखाई दे।
  3. सुरक्षा और सुविधा:
    • मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जैसे सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन प्रणाली, और आपातकालीन निकास मार्ग।

राम मंदिर Ram Mandir Ayodhya का निर्माण भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसकी संरचना और डिजाइन भारतीय वास्तुकला की समृद्धि को दर्शाती है और यह मंदिर भारतीय आस्था और पहचान का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।

Architecture of Ram Mandir Ayodhya in Hindi राम मंदिर अयोध्या की वास्तुकला

राम मंदिर की वास्तुकला भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों का सम्मिश्रण है। यहाँ राम मंदिर की वास्तुकला के प्रमुख पहलुओं का विवरण दिया गया है।

मंदिर की डिजाइन और शैली

  • शैली: राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में हो रहा है, जो उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला की प्रमुख शैली है।
  • डिजाइन: मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया है। यह तीन मंजिला होगा, जिसमें भव्य गर्भगृह, मंडप, और शिखर शामिल होंगे।

मुख्य संरचना

  • मंदिर का क्षेत्रफल: मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़ में फैला होगा।
  • ऊंचाई: मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी।
  • खंभे: मंदिर में कुल 360 खंभे होंगे, जिन पर उत्कृष्ट नक्काशी की जाएगी।

वास्तु शास्त्र

  • गर्भगृह: गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी। गर्भगृह का डिजाइन वास्तु शास्त्र के अनुसार किया गया है, ताकि वहां सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
  • मंडप: मंदिर के मंडप को भी भव्य तरीके से डिजाइन किया गया है, जहां श्रद्धालु पूजा और ध्यान कर सकेंगे।

निर्माण सामग्री

  • पत्थर: मंदिर के निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। ये पत्थर अपनी दृढ़ता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • लकड़ी: उच्च गुणवत्ता की लकड़ी का उपयोग दरवाजों और अन्य सजावटी तत्वों में किया जाएगा।

सजावट और नक्काशी

  • खंभों की नक्काशी: मंदिर के खंभों पर भारतीय पौराणिक कथाओं और देवी-देवताओं की आकृतियों की नक्काशी की जाएगी।
  • शिलालेख: मंदिर की दीवारों पर शिलालेख होंगे, जिनमें रामायण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के श्लोक अंकित होंगे।
  • मूर्ति और आकृतियाँ: मंदिर के विभिन्न हिस्सों में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और आकृतियाँ होंगी, जो भारतीय कला की उत्कृष्टता को दर्शाएंगी।

आधुनिक तकनीक और सुरक्षा

  • भूकंपरोधी डिजाइन: मंदिर का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि यह भूकंपरोधी हो और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सके।
  • सुरक्षा और सुविधा: मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जैसे सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन प्रणाली, और आपातकालीन निकास मार्ग।

परिसर और परिवेश

  • प्रवेश द्वार: मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार को भव्य और आकर्षक बनाया जाएगा, जहां परंपरागत तोरणद्वार और अन्य सजावटी तत्व होंगे।
  • बगीचे और जलाशय: मंदिर परिसर में सुंदर बगीचे और जलाशय भी होंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए शांति और आराम का स्थान प्रदान करेंगे।

विशेषताएँ

  • ध्वजस्तंभ: मंदिर के सामने एक ऊंचा ध्वजस्तंभ (ध्वज) स्थापित किया जाएगा, जिस पर भगवा ध्वज लहराएगा।
  • प्रकाश व्यवस्था: मंदिर की प्रकाश व्यवस्था को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि रात में भी मंदिर की भव्यता स्पष्ट दिखाई दे।

राम मंदिर Ram Mandir Ayodhya की वास्तुकला भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का उत्कृष्ट प्रतीक है। इसका निर्माण न केवल आस्था का केंद्र होगा, बल्कि भारतीय कला और स्थापत्य के अद्वितीय उदाहरण के रूप में भी जाना जाएगा।

When should go to Ram Mandir Ayodhya राम मंदिर अयोध्या कब जाना चाहिए

अयोध्या स्थित राम मंदिर Ram Mandir Ayodhya की यात्रा का सबसे अच्छा समय कुछ कारकों पर निर्भर करता है, जैसे मौसम, त्योहार, और विशेष धार्मिक कार्यक्रम। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद करेंगे।

मौसम के आधार पर यात्रा का समय:

  1. अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम): यह समय अयोध्या की यात्रा के लिए सबसे आदर्श माना जाता है। सर्दियों के महीनों में मौसम ठंडा और सुखद रहता है, जो मंदिर दर्शन और अन्य पर्यटन स्थलों की यात्रा के लिए उपयुक्त है।
  2. अप्रैल से जून (गर्मी का मौसम): इस समय अयोध्या में तापमान बहुत अधिक हो सकता है, जो यात्रा को असहज बना सकता है। हालांकि, सुबह और शाम के समय दर्शन के लिए जा सकते हैं।
  3. जुलाई से सितंबर (मानसून का मौसम): मानसून के दौरान अयोध्या में बारिश हो सकती है, जिससे यात्रा में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, इस समय हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य अधिक होता है।

त्योहारों और विशेष अवसरों के आधार पर यात्रा:

  1. राम नवमी: राम नवमी भगवान राम के जन्मदिन का पर्व है, जो चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में मनाया जाता है। इस समय अयोध्या में विशेष पूजा और समारोह आयोजित होते हैं, जो यात्रा के लिए एक उत्तम समय हो सकता है।
  2. दीपावली: दीपावली के समय अयोध्या को विशेष रूप से सजाया जाता है, और इस अवसर पर भव्य दीपोत्सव आयोजित होता है। यह समय यात्रा के लिए बहुत ही खास और मनमोहक होता है।
  3. मकर संक्रांति और अन्य धार्मिक पर्व: मकर संक्रांति और अन्य प्रमुख हिंदू त्योहारों के समय भी अयोध्या में विशेष आयोजन होते हैं, जो यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बना सकते हैं।

अन्य सुझाव:

  1. सप्ताहांत और छुट्टियाँ: यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो त्योहारों और छुट्टियों के समय की बजाय सप्ताह के मध्य में यात्रा करना बेहतर हो सकता है।
  2. विशेष आयोजनों की जानकारी: यात्रा से पहले Ram Mandir Ayodhya अयोध्या में होने वाले किसी विशेष आयोजन या धार्मिक कार्यक्रम की जानकारी लेना अच्छा रहेगा, ताकि आप अपनी यात्रा को और भी खास बना सकें।

यात्रा की योजना कैसे बनाएं:

  • परिवहन: अयोध्या तक पहुंचने के लिए रेल, सड़क और हवाई मार्ग की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। लखनऊ सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, जो अयोध्या से लगभग 150 किलोमीटर दूर है।
  • आवास: अयोध्या में कई धर्मशालाएं, होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। यात्रा से पहले अपने रहने की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
  • स्थानीय पर्यटन: राम मंदिर के अलावा अयोध्या में हनुमानगढ़ी, कनक भवन, सरयू नदी और अन्य प्रमुख स्थल भी हैं, जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान देख सकते हैं।

इस प्रकार, अयोध्या स्थित राम मंदिर Ram Mandir Ayodhya की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, खासकर राम नवमी और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान। यात्रा की योजना बनाते समय मौसम, त्योहारों और स्थानीय आयोजनों का ध्यान रखें, ताकि आपकी यात्रा सुखद और स्मरणीय बन सके।

How to reach Ram Mandir Ayodhya राम मंदिर अयोध्या कैसे पहुंचे

अयोध्या स्थित राम मंदिर की यात्रा के लिए विभिन्न परिवहन माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है। Ram Mandir Ayodhya अयोध्या अच्छी तरह से सड़क, रेल और वायु मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर अयोध्या पहुँचने के विभिन्न तरीकों का विवरण दिया गया है।

सड़क मार्ग से अयोध्या कैसे पहुंचे

अयोध्या उत्तर प्रदेश में स्थित है और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप निम्नलिखित तरीकों से अयोध्या पहुँच सकते हैं।

  1. बस सेवा: उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम (UPSRTC) और अन्य निजी बसें अयोध्या के लिए नियमित सेवाएं प्रदान करती हैं। आप लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और अन्य प्रमुख शहरों से सीधी बस ले सकते हैं।
  2. कार या टैक्सी: यदि आप कार या टैक्सी से यात्रा कर रहे हैं, तो नेशनल हाईवे (NH) 27 और NH 28 के माध्यम से अयोध्या आसानी से पहुँचा जा सकता है। लखनऊ से अयोध्या की दूरी लगभग 135 किलोमीटर है, जो कार से लगभग 3-4 घंटे में तय की जा सकती है।

रेल मार्ग से अयोध्या कैसे पहुंचे

अयोध्या रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप निम्नलिखित तरीकों से रेल द्वारा अयोध्या पहुँच सकते हैं।

  1. अयोध्या रेलवे स्टेशन: अयोध्या जंक्शन (AY) प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यहाँ पर दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, वाराणसी, और अन्य प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेनें चलती हैं।
  2. फैजाबाद रेलवे स्टेशन: अयोध्या से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित फैजाबाद जंक्शन (FD) भी एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। फैजाबाद से अयोध्या पहुँचने के लिए टैक्सी या ऑटो-रिक्शा का उपयोग कर सकते हैं।

वायु मार्ग से अयोध्या कैसे पहुंचे

अयोध्या का निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ में है। आप निम्नलिखित तरीकों से वायु मार्ग से अयोध्या पहुँच सकते हैं।

  1. चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, लखनऊ: लखनऊ हवाई अड्डा (LKO) अयोध्या से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। यह हवाई अड्डा देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  2. लखनऊ से अयोध्या तक: लखनऊ से अयोध्या पहुँचने के लिए आप टैक्सी, बस या ट्रेन का उपयोग कर सकते हैं। लखनऊ से अयोध्या तक का सफर सड़क मार्ग से लगभग 3-4 घंटे में पूरा होता है।

स्थानीय परिवहन

अयोध्या पहुँचने के बाद, आप निम्नलिखित स्थानीय परिवहन साधनों का उपयोग कर सकते हैं।

  1. ऑटो-रिक्शा और टैक्सी: स्थानीय ऑटो-रिक्शा और टैक्सी आपको शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों तक पहुंचा सकते हैं।
  2. साइकिल रिक्शा: शहर के भीतर छोटे दूरी के लिए साइकिल रिक्शा एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
  3. पर्यटक बसें: कई पर्यटन कंपनियाँ अयोध्या में पर्यटक बस सेवाएँ भी प्रदान करती हैं, जो आपको प्रमुख स्थलों का भ्रमण कराती हैं।

अयोध्या पहुँचने के लिए इन विभिन्न विकल्पों का उपयोग कर आप अपनी यात्रा को सुविधाजनक और सुखद बना सकते हैं। यात्रा से पहले अपनी यात्रा योजना और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें, ताकि आपकी यात्रा निर्बाध और आनंदमय हो।

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दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको Ram Mandir Ayodhya की पूरी जानकारी के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा।

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