Shiv Khori Cave History in Hindi:- हिन्दू धर्म में भगवान शिव के तीर्थो की जब भी सामने बात आती है, तो सबसे पहले केदारनाथ धाम और अमरनाथ धाम का नाम आता है। लेकिन क्या आप जानते है की अमरनाथ गुफा से पहले एक और गुफा भी है। जिसे शिवखोड़ी के नाम से जाना जाता है। भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव ने अपने परिवार के साथ इसी गुफा में शरण ली थी। कहते है की इस गुफा में भगवान शिव आज भी अपने परिवार के साथ विराजमान है इस गुफा से आगे जो भी गया वो कभी वापस लौटकर नहीं आया। तो आज के इस लेख में हम आपको शिवखोड़ी गुफा से जुड़े उन सभी रहस्यों के बारे में बताने वाले है। जो शायद ही आपने कभी सुने होंगे।

Shiv Khori Cave History in Hindi
Shiv Khori Cave History in Hindi

जम्मू से लगभग 130 km और कटरा से 80 km दूर स्थित है रणसू गांव, जहा से श्रद्धालु 4 km पैदल या फिर घोड़े पालकी से यात्रा करके शिवखोड़ी गुफा तक पहुंचते है। इस अद्भुत गुफा की ऐसी मान्यता है की जो भी श्रद्धालु इस गुफा के दर्शन कर लेता है। तो उसका स्वर्ग में जाना तय है। इस गुफा में आज भी भगवान शिव अपने पुरे परिवार के साथ निवास करते है मान्यता अनुसार इस गुफा का एक छोर सीधा अमरनाथ गुफा की और निकलता है और दूसरे छोर में स्वर्ग लोक की ओर जाने वाली सीढ़ियां भी बनी हुई हैं।

About of Shiv Khori Cave in Hindi (शिवखोड़ी गुफा)

शिवखोड़ी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शिव यानी देवो के देव महादेव भगवान शंकर और दूसरा खोड़ी यानी गुफा, भगवान शिव की गुफा अपने आप में ही एक वास्तविक आश्चर्य है शिवखोड़ी गुफा की लम्बाई वैसे तो 1/2 km की है, लेकिन भक्तो को सिर्फ 150 मीटर तक ही जाने की अनुमति है। बड़ी मशक्कत करने के बाद भक्त भगवान शिव के दर्शन करते है। भगवान शिव के परिवार के साथ यहां पर 33 करोड़ देवी देवता भी निवास करते है। और इसी गुफा के अंदर से दो रास्ते निकलते है कहते है की एक रास्ता सीधा स्वर्ग की सीडी की और जाता है। और दूसरा रास्ता सीधा अमरनाथ गुफा की और जाता है। थोड़ा आगे चलने पर ऑक्सीजन की भी कमी महसूस होती है। शिवखोड़ी गुफा का बाकी हिस्सा अभी भी एक रहस्य बना हुआ है।

Khori Cave History in Hindi
Shiv Khori Cave History in Hindi

Story of Shiv Khori Cave in Hindi (शिवखोड़ी गुफा का रहस्य)

ऐसा कहते है की दो साधु इस गुफा के अंदर गए थे एक साधु बिच में से ही वापस आ गया था। दूसरा साधु कभी वापस नहीं लोटा। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो इस गुफा का आकर भगवान शिव के डमरू की तरह बना हुआ है गुफा के दोनों सिरों पर काफी चौड़ी जगह है जबकि बीच में गुफा की चौड़ाई बहुत ही कम है इसीलिए इस गुफा में जाने के लिए भक्तो को रेंग कर जाना पड़ता है। इस गुफा में ऐसे भी कई विशेषताएं हैं जो गुफा के अंदर देखी जा सकती है सबसे पहले तो इस गुफा के अंदर जितनी भी प्रतिमा है वो सब पिंडी रूप में प्राकृतिक बनी हुई है आप देखेंगे भगवान शिव और माँ पार्वती की 4 फुट ऊंची एक ऐसी प्राकृतिक पिंडी रूपी प्रतिमा बनी हुई है जिसे अर्धनारेश्वर का रूप दिया गया है। क्योंकि उसमे आधा शरीर शिव का है और आधा माँ पार्वती का, ठीक पास में ही एक छोटा सा गोरी कुंड बना हुआ है।

जिसमे हमेशा प्राकृतिक पानी भरा रहता है। और पास में ही प्राकृतिक पिंडी रूप में पांच मुख वाले गणेश, कार्तिक और नंदी बने हुए है। चौकाने वाली बात तो यह है की यहां पर भगवान शिव के शिवलिंग पर ऊपर से प्राकृतिक पानी लगातार टपकता रहता है। ऐसा भी कहा जाता है की हजारो साल पहले यहां शिवलिंग के ऊपर दूध टपकता था जो अब पानी के रूप में देखने को मिलता है। सालो ठीक गुफा के ऊपर भगवान विष्णु के चर्क का अकार बना हुआ है और साथ में शेषनाग भी बना हुआ है। इसी स्थान पर राम, लक्ष्मण, सीता, और हनुमान भी पिंडी रूप में विराजमान है। और तो और इस गुफा के अंदर बहुत छोटी छोटी पिंडी में 33 करोड़ हिन्दू देवी देवता निवास करते है।

Story of Shiv Khori Cave in Hindi शिवखोड़ी गुफा की कहानी

पौरणिक कथा अनुसार हिन्दू धर्म में ऐसा वर्णन किया हुआ है की भस्मासुर ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया था। और वरदान में उनसे अपनी इच्छा अनुसार ऐसा वर माँगा की जिसके सर पर हाथ रख दे वो वही भस्म हो जाये। भगवान शिव ने भस्मासुर को कहा की मेरे इस वरदान का तुम लगो पर अत्याचार मत करना। लेकिन भस्मासुर ने लोगो पर अत्याचार करने शुरू कर दिए और सबको भस्म करने लगा। पृत्वी पर इतना अत्याचार देख कर भगवान शिव भस्मासुर को समझाने के लिए आये लेकिन पहुंचे लेकिन भस्मासुर, भगवान शिव को ही भस्म करने के लिए उनके पीछे दौड़ पड़ा। तब जाकर भगवान शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए अपने परिवार के साथ इस गुफा में शरण ली थी।

Lord Vishnu killed Bhasmasura in Hindi (भगवान विष्णु ने किया था भस्मासुर का वध)

विष्णु भगवान ने शिव की ऐसी दशा देख तभी एक सुंदर मोहिनी का रूप धारण किया। और भस्मासुर को रिझाने के लिए उसके पास में पहुंच गए। इतनी सुंदर मोहिनी का रूप देख कर भस्मासुर सब कुछ भूल गया और मोहिनी के प्रेम में पड़कर उसके साथ नृत्य करने लगा। नृत्य करते करते भस्मासुर ने अपना हाथ अपने सर के ऊपर रख दिया जिससे वह खुद ही भस्म हो गया था तब जाकर भगवान शिव उस गुफा से सीधा अमरनाथ गुफा की तरफ रवाना हुए थे।

How to visit in Shiv Khori Cave Jammu in Hindi (शिवखोड़ी की यात्रा कैसे करे)

रणसू गांव में पहुंचने के बाद आपको थोड़ा सा ही पैदल चलना पड़ेगा फिर सामने ही आपको एक शिवम् द्वार देखने को मिलेगा। यह वही द्वार है जहा से शिवखोड़ी की यात्रा शुरू होती है। यहा पर भी आपके पास यात्रा करने के लिए दो ऑप्शन है। पहला या तो आप 4 km के इस पुरे ट्रैक को पैदल चलकर पूरा करले, और दूसरा ऑप्शन या फिर आप यहां से घोड़े खच्चर पालकी कर ले। आईये थोड़ा विस्तार से जानते है।

Shiv Khori Cave History in Hindi | शिवखोड़ी गुफा में विराजमान है भगवान् शिव
Shiv Khori Cave History in Hindi

How to take a walking tour in Shiv Khori in Hindi (शिवखोड़ी में पैदल यात्रा कैसे करे)

ज्यादातर श्रद्धालु इस यात्रा को पैदल ही चलकर पूरा करते है क्योंकि यह ट्रैक ज्यादा बड़ा नहीं है 4 km के इस ट्रैक को शिव भक्त हर हर महादेव का नारा लगाते हुए पूरा कर लेते है इस पुरे ट्रैक में आपको आराम करने के लिए जगह-जगह पर काफी सीट मिल जाएगी वही आपको वाशरूम और स्नान करने की भी व्यवस्था मिल जाएगी। और बाकी कुछ खाने पिने की दुकाने भी मिल जाएगी जहा पर आप चाय, कोल्ड्रिंक, मैगी, जूस, फ्रूट, लस्सी, ले सकते है इस पुरे ट्रैक में आपको बिच में दो मंदिर देखने को मिलेंगे और यात्रा में ज्यादा थकावट भी नहीं लगेगी अगर आपका स्वास्थ्य ठीक है तो आप शिवखोड़ी की इस यात्रा को 2 घंटे में बहुत आराम से पूरा कर लेंगे।

How to travel by horse mule palanquin in Shiv Khori in Hindi (शिवखोड़ी में घोड़े खच्चर पालकी से यात्रा कैसे करे)

जो श्रद्धालु काफी बुजुर्ग है या फिर जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो ऐसे श्रद्धालु पैदल यात्रा बिलकुल भी न करे उनके लिए वहा पर घोड़े खच्चर पालकी का ऑप्शन है। पास में ही श्राइन बोर्ड का यात्रा रजिस्ट्रेशन काउंटर है जहा से आपको घोड़े खच्चर पालकी का टिकट लेना है। घोड़े के लिए आपको 500 रूपये देने होंगे और पालकी के लिए आपको 1200 रूपये देने होंगे। वहा से आपको एक टिकट स्लिप मिलेगी, जिसको आपने घोड़े वाले या फिर पालकी वाले को दिखानी है और उससे उसका ID कार्ड लेकर अपने पास रख लेना है। जब आप अपनी यात्रा करके वापस आये तभी इनको इनका ID कार्ड और टिकट स्लिप देनी है। अगर आपने ये स्लिप पहले ही इनको देदी तो ये आपको शिवखोड़ी पर ही छोड़ कर वापस आजायेंगे।

How to reach Shiv Khori from Katra in Hindi (कटरा से शिवखोड़ी कैसे पहुंचे)

अगर आप माता वैष्णो देवी की यात्रा पर जा रहे है तो एक बार शिवखोड़ी की यात्रा भी जरूर करे। क्योंकि ज्यादातर श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जम्मू कटरा पहुंचते है। लेकिन उनमे से बहुत कम ही श्रद्धालु शिवखोड़ी की यात्रा पर जाते है। तो अगर आप अपनी फॅमिली के साथ कटरा से शिवखोड़ी जाना चाहते है। तो सबसे अच्छा विकल्प टैक्सी है 5 सीटर टैक्सी लगभग 2000 रूपये में और 9 सीटर टैक्सी लगभग 2600 रूपये में बुक हो जाती है। जो सुबह आपको कटरा से रनसू गांव तक लेकर जाती है क्योंकि रनसू गांव से आपको पैदल या फिर घोड़े पालकी से अपनी यात्रा करनी होगी। जैसे ही आप अपनी यात्रा पूरी करके वापस आते है तो टैक्सी वाला आपको कटरा में ही ड्राप करेगा।

How to reach Shiv Khori from Jammu in Hindi (जम्मू से शिवखोड़ी कैसे पहुंचे)

अगर आप जम्मू से शिवखोड़ी जाना चाहते है तो वहा पर भी आपके पास दो ऑप्शन होंगे पहला या तो आप अपनी परशनल टैक्सी बुक करले, दूसरा या फिर आप बस में चले जाए। लेकिन आप अगर अपनी फॅमिली के साथ में है, तो टैक्सी एक बेस्ट ऑप्शन है। उसमे आपका समय भी कम लगेगा। वही अगर आप 1 या 2 लोग है तो फिर बस एक बेस्ट ऑप्शन है। क्योंकि वहा से सीधा शिवखोड़ी के लिए शेयरिंग टैक्सी मिलनी मुश्किल हो जाती है। जम्मू से शिवखोड़ी की दुरी लगभग 120 km की है। जिसमे आपको 3 se 4 घंटे का समय लग सकता है।

यह भी पढ़े – माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करे

दोस्तों हम उम्मीद करते है की आपको Shiv Khori Cave History in Hindi के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा।

धार्मिक और पर्यटक स्थलो की और अधिक जानकारी के लिए आप हमारे You Tube Channel PUBLIC GUIDE TIPS को जरुर Subscribe करे। और हमारे Facebook Page “PUBLIC GUIDE TIPS” को “LIKE” और “SHARE” जरुर करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *